योजना से संबंधित मुख्य बातेंः-
∎ क्लस्टर में सब्जी/मसाला योजनान्तर्गत टमाटर, मिर्च एवं लहसुन का क्षेत्र विस्तार कराकर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि तथा उचित बाजार मूल्य से कृषकों की आय में वृद्धि होने के उद्देश्य से योजना का क्रियान्वयन किया जाना है।
∎ यह केन्द्र प्रायोजित योजना है। इस योजना का कार्य योजना अनुसूची-1 एवं कार्यान्वयन अनुसूची-2 के अनुसार राज्य के 26 जिलों यथा-अररिया, औरंगाबाद, बाँका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गयाजी, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालन्दा, नवादा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, शेखपुरा एवं वैशाली में वित्तीय वर्ष 2025-26 में कराये जाने हेतु प्रस्तावित है।
∎ क्लस्टर में सब्जी/मसाला योजनान्तर्गत टमाटर, मिर्च एवं लहसुन की खेती किसानों द्वारा किये जाने हेतु प्रस्तावित है। प्रत्येक क्लस्टर (समूह) में 6 (छः) हेक्टेयर हेतु प्रस्तावित है, जिसमें न्यूनतम 3 (तीन) कृषक सदस्य होंगे। केन्द्र प्रायोजित योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत् टमाटर एवं मिर्च (हाइब्रिड) हेतु निर्धारित लागत मूल्य क्रमशः 0.60 एवं 0.60 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर का योजनान्तर्गत कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत टॉप-अप के रूप में यानि कुल 50 प्रतिशत अनुदान एक किस्त में DBT-In-Cash/DBT-In-Kind के रूप में दिये जाने हेतु प्रस्तावित है। केन्द्र प्रायोजित योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत् लहसुन हेतु निर्धारित लागत मूल्य क्रमशः 1.00 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर का योजनान्तर्गत कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत टॉप-अप के रूप में यानि कुल 50 प्रतिशत अनुदान 60:40 के अनुपात में दो किस्तों में यथा- पौध रोपण सामग्री एवं INM/IPM सामग्री के क्रय पर प्रथम किस्त के रूप में 60 प्रतिशत एवं खेती के भौतिक सत्यापन उपरान्त द्वितीय किस्त के रूप में 40 प्रतिशत DBT-In-Cash/DBT-In-Kind के रूप में दिये जाने हेतु प्रस्तावित है। प्रति कृषक परिवार को न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर एवं अधिकतम 2 (दो) हेक्टेयर का लाभ दिये जाने हेतु प्रस्तावित है।
∎ इच्छुक कृषक को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/दो वर्ष पूर्व से अद्यतन राजस्व रसीद/ऑनलाईन अद्यतन रसीद/वंशावली के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र/गैर रैयत हेतु
एकरारनामा में से कोई एक दस्तावेज उपस्थापित करना अनिवार्य होगा। यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा।
∎ इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता सम्बंधित विवरण की जाँच स्वयं कर लें।
∎ नियमानुसार सहायतानुदान DBT-In-Cash/DBT-In-Kind के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।