राष्ट्रीय बाँस मिशन योजना (2025-26) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म
राष्ट्रीय बाँस मिशन योजना से संबंधित मुख्य बातेंः-
OPERATIONAL GUIDELINES OF NATIONAL BAMBOO MISSION (2025)
∎ इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बाँस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर स्वरोगजार को बढ़ावा देना है।
∎ इस योजना का कार्यान्वयन बिहार के कुल 27 जिलों यथा- अररिया, बाँका, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पूर्णियाँ, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल, वैशाली एवं पश्चिम चम्पारण में कराया जायेगा।
∎ योजना का लाभ, पहले आओ पहले पाओ, के आधार पर दिया जायेगा।
∎ एक ही परिवार में पति एवं पत्नी योजना के लाभुक हो सकते हैं बशर्ते पति एवं पत्नी के नाम से अलग-अलग भूमि निबंधित हो तथा भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र अलग-अलग हो।
∎ योजना का लाभ लेने हेतु इच्छुक कृषकों को भूमि-स्वामित्व प्रमाण पत्र/दो वर्ष पूर्व से अद्यतन राजस्व रसीद/ऑनलाईन अद्यतन रसीद/वंशावली के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व का प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा।
∎ इस योजना के तहत् निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व का बाँस रोपण तथा खेत के मेड़़ पर बाँस रोपण करने हेतु सहायतानुदान दिया जायेगा।
∎ निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व के बाँस रोपण हेतु न्यूनतम रकवा 0.04 हेक्टेयर (10 डिस्मील) से अधिकतम 0.2 हेक्टेयर (50 डिस्मील) तक का लाभ दिया जायेगा, जबकि खेत के मेड़़ पर प्रति किसान कम से कम 10 पौधा देने का प्रावधान है।
∎ निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व के बाँस रोपण अवयव का इकाई लागत 1.2 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर है, जिसका 50 प्रतिशत यानि 0.6 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान दो वर्षों (60:40) में दिया जायेगा। जबकि खेत के मेड़़ पर बाँस का पौधा लगाने हेतु प्रति पौधा इकाई लागत 300.00 रूपये का 50 प्रतिशत यानि 150.00 रूपये प्रति पौधा की दर से दो वर्षों (60:40) में सहायतानुदान दिया जायेगा।
∎ बाँस के पौधा का रोपण सामग्री की उपलब्धता, विभाग द्वारा चिन्हित जलवायु अनुकूल प्रभेद के तहत्, निविदा के माध्यम से चयनित आपूर्तिकर्ता द्वारा कराया जायेगा।
∎ राष्ट्रीय बाँस मिशन के Operational Guidelines के आलोक में नियमानुसार योजना का कार्यान्वयन कराया जायेगा।