एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत विशेष हस्तक्षेप के तहत मखाना अवयवों की योजना (2025-26) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म
योजना से संबंधित मुख्य बातेंः-
∎ इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के 16 जिलों में मखाना की खेती का क्षेत्र विस्तार करना, उन्नत प्रभेदों का बीज उत्पादन करना, मखाना की खेती में परम्परागत तरीको से निर्मित उपकरण किट उपलब्ध कराना तथा मखाना के उन्नत प्रभेदों का बीज वितरण कराते हुए किसान की आय में वृद्धि कर उन्हें लाभान्वित करना है।
∎ राज्य के 16 जिलों यथा- कटिहार, पूर्णियाँ, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण एवं मुजफ्फरपुर में इस योजना का लाभ दिया जायेगा।
∎ योजना अन्तर्गत एक किसान को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) का लाभ दिया जायेगा।
मखाना का क्षेत्र विस्तार (खेत प्रणाली) नये किसानों को :- इस घटक अन्तर्गत विभागीय पोर्टल डी.बी.टी. पर पंजीकृत वैसे इच्छुक किसान, जो पहली बार खेत प्रणाली से मखाना की खेती करने को इच्छुक है, का चयन किया जायेगा। मखाना की खेती (खेत प्रणाली) के लिए निर्धारित इकाई लागत 0.97 लाख रूपये/हेक्टेयर है, जिसमें बीज सहित अन्य इनपुट तथा Harvesting तक की राशि शामिल है। योजना अन्तर्गत प्रथम वर्ष हेतु स्वीकृत राशि 36,375.00 रूपये प्रति हेक्टेयर में से बीज की राशि संबंधित आपूर्तिकर्ता को बीज प्राप्त करने के उपरान्त एवं शेष राशि कृषक को पौध रोपण उपरान्त दी जायेगी।
मखाना बीज उत्पादन (सार्वजनिक क्षेत्र) :- इस घटक अन्तर्गत मखाना के क्षेत्र में कार्य कर रहे संस्थान राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केन्द्र, दरभंगा, भोला पासवान शास्त्री, कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, जाले दरभंगा के द्वारा मखाना के उन्नत प्रभेद स्वर्ण वैदेही एवं सबौर मखाना-1 के बीज का उत्पादन कराया जायेगा।
मखाना टूल्स किट :- इस अवयव अन्तर्गत परम्परागत तरीकों से निर्मित उपकरणों बाँस, लकड़ी एवं अन्य वस्तुओं से बनी होती है, जिसका उपयोग मखाना की खेती एवं प्रसंस्करण कार्य की विभिन्न अवस्थाओं में किया जाता है। मखाना किट हेतु गैर-रैयत किसानों को जमीन से संबंधित कागजात की अनिवार्यता नहीं होगी। वैसे सभी रैयत/गैर-रैयत कृषक जो मखाना की खेती कर रहे हैं एवं इस कार्य में सम्मिलित हैं, उनको अनुदानित दर पर किट उपलब्ध कराया जायेगा।
मखाना बीज वितरण :- योजना अन्तर्गत वितरित अनुशंसित प्रभेद का बीज के मूल्य की राशि अधिकतम 225.00 रूपये प्रति किलोग्राम हीं अनुदान के रूप में दी जायेगी। बीज का मूल्य बढ़ने पर अतिरिक्त राशि का वहन् कृषक द्वारा स्वयं कृषक अंश के रूप में किया जायेगा।
∎इच्छुक कृषकों को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र दो वर्ष से अधतन राजस्व रसीद/ऑनलाईन अधतन रसीद/ वंशावली के आधापर पर विधि मान्य भू स्वामित्व का प्रमाण पत्र में से कोई एक का होना अनिवार्य है। गैर रैयत कृषकों को एकरारनामा के आधार पर योजना का लाभ दिया जायेगा। एकरारनामा का प्रारूप दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद मे स्पष्ट नहीं है, जो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा।
∎ कृषक चयन में प्रत्येक वर्ष 30 प्रतिशत महिला भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
∎ नियमानुसार सहायतानुदान डीबीटी कार्यक्रम के तहत् SNA Sparsh के माध्यम से भुगतान किया जायेगा।
∎ लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 83.903 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 15 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.097 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
∎उपर्युक्त बिन्दू से यदि इच्छुक कृषक सहमत हो, तो नियमानुसार ऑनलाईन आवेदन हेतु आमंत्रित है|