मखाना विकास योजना से संबंधित मुख्य बातें:-
∎ इस योजना का मुख्य उद्देश्य मखाना की खेती का क्षेत्र विस्तार करना, उन्नत प्रभेदों का बीज उत्पादन करना, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु किसानों को प्रशिक्षित करना, मखाना की खेती में परम्परागत तरीको से निर्मित उपकरण किट उपलब्ध कराना तथा पारम्परिक बीजों को प्रतिस्थापित करने हेतु उन्नत प्रभेदों का वितरण कर उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाकर किसान की आय में वृद्धि कर उन्हें लाभान्वित करना है।
∎ राज्य के 10 जिलों यथा-कटिहार, पूर्णियाँ, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा एवं खगड़िया में इस योजना का लाभ दिया जायेगा।
∎ मखाना विकास योजना अन्तर्गत न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) एवं अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) का लाभ दिया जायेगा।
∎
मखाना के उन्नत प्रभेद का बीज उत्पादन अवयव अन्तर्गत बीजों की अधिप्राप्ति राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र (मखाना), दरभंगा एवं भोला पासवान शास्त्री, कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ द्वारा अनुशंसित प्रभेद का बीज किसानों को सहायक निदेशक उद्यान के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।
∎
मखाना बीज वितरण कार्यक्रम अवयव अन्तर्गत बीज की उपलब्धता वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना अन्तर्गत उत्पादित बीज लाभुक के माध्यम से/राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र (मखाना), दरभंगा एवं भोला पासवान शास्त्री, कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ द्वारा अनुशंसित प्रभेद का बीज किसानों को सहायक निदेशक उद्यान के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।
∎
मखाना का नया क्षेत्र विस्तार (खेत प्रणाली) अवयव अन्तर्गत किसानों द्वारा बीज की प्राप्ति स्वयं के स्त्रोत से की जायेगी।
∎
मखाना खेती में परंपरागत तरीकों से निर्मित एवं प्रयुक्त उपकरण किट औंका/गाँज,कारा,खेन्ची,चलनी,चटाई,अफरा,थापी का क्रय करने हेतु सहायतानुदान प्रति किट अनुमानित इकाई लागत 22100 रु० का 75% यानि 16575 रु० प्रति किट दिया जाएगा। जिसका उपयोग मखाना की खेती एवं प्रसंस्करण कार्य की विभिन्न अवस्थाओं में किया जाता है। इस अवयव का लाभ रैयत/गैर-रैयत मखाना की खेती करने वाले एवं इस कार्य में सम्मिलित है, उन को दिया जाएगा। गैर-रैयत कृषकों को
एकरारनामा के आधार पर दिया जाएगा।
∎ भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र तीन वर्ष से अद्यतन एवं राजस्व रसीद एक वर्ष पूर्व का एवं एकरारनामा चालू वित्तीय वर्ष का होना अनिवार्य है।
एकरारनामा का प्रारूप दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा|
∎ कृषक चयन में प्रत्येक वर्ष 30 प्रतिशत महिला भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
∎ नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।
∎ उपर्युक्त बिन्दू से यदि इच्छुक कृषक सहमत हो, तो नियमानुसार सॉफ्टवेयर में आवेदन हेतु आमंत्रित है।