नलकूप योजना से संबंधित मुख्य बातेंः-
∎ नलकूप योजना का लाभ वैसे किसानों को दिया जाएगा, जो सूक्ष्म सिंचाई योजना से आच्छादित होंगे या चिन्हित जिलों में मखाना की खेती करते होंगे। मखाना की खेती वाले चिन्हित जिले निम्नवत् है:-
1. मधुबनी 2. दरभंगा 3. कटिहार 4. पूर्णिया 5. मधेपुरा 6. सुपौल 7. सहरसा 8. अररिया 9. किशनगंज एवं 10. खगड़िया
∎ इस योजना का लाभ रैयत कृषक, जमीन के कागजात (भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद) के आधार तथा गैर रैयत कृषक
एकरारनामा के आधार पर ले सकते है| एकरारनामा का प्रारूप दिए गए Link पर उपलब्ध है,जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है| यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा|
∎ आवेदक के पास न्यूनतम 0.5 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है एवं इस नलकूप का कमांड क्षेत्र 8 हे॰ होगा। इस नलकूप का उपयोग ड्रिप सिंचाई के जल श्रोत या मखाना की खेती हेतु किया जाएगा।
∎ यह योजना के केन्द्रीय भूजल बोर्ड द्वारा चिन्हित अति दोहित एवं संकटपूर्ण (Critical & Over Explocited) पंचायतों को छोड़कर की जाएगी।
∎ नलकूप हेतु विद्युत से संबंधित कार्य का पूर्ण दायित्व संबंधित कृषक का होगा।
∎ नलकूप के कार्यरत् होने एवं पानी का प्रवाह निकलने पर ही अनुदान का भुगतान किया जायेगा। राशि का भुगतान कोटिवार वास्तविक कार्य के आधार पर संबंधित कृषक/निबंधित कंपनी को किया जाएगा।
∎ सामान्य वर्ग के अन्तर्गत सामान्य वर्ग की जाति को कुल लागत का 50 प्रतिशत तथा पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग को कुल लागत का 70 प्रतिशत अनुदान भुगतान का प्रावधान है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति/जनजाति को कुल लागत का 80 प्रतिशत अनुदान भुगतान का प्रावधान है।
∎ दक्षिण बिहार के जिलों में सामान्य वर्ग के कृषक हेतु अधिकतम 57,000.00 रूपये, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग के कृषकों के लिए अधिकतम 79,800.00 रूपये तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों के लिए अधिकतम 91,200.00 रूपये भुगतान का प्रावधान है।
उत्तर बिहार के जिलों में सामान्य वर्ग के कृषकों हेतु अधिकतम 36,000.00 रूपये, पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के कृषकों हेतु 50,400.00 रूपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कृषकों के लिए अधिकतम 57,600.00 रूपये अनुदान भुगतान का प्रावधान है।
∎ दक्षिण बिहार में जल स्तर नीचे होने के कारण नलकूप छिद्रण की अधिकतम गहराई 70 मीटर एवं उत्तर बिहार में अधिकतम गहराई 35 मीटर अनुमान्य है।
∎ कार्य उपरान्त संबंधित जिला के WDT (Engg. Expert)/ATM(Ag. Engg.)/BTM(Ag. Engg.)/Ag. Co-ordinator (Ag. Engg.)/सूक्ष्म सिंचाई हेतु निबंधित कंपनी के Certified Engineer या जिला बागवानी विकास समिति के अध्यक्ष की अनुमति से जिला के किसी भी कनीय अभियंता मापीपुस्त का अभिलेखन करने हेतु प्राधिकृत रहेंगे तथा मापीपुस्त जिला के सहायक निदेशक उद्यान द्वारा संधारित किया जाएगा।
∎उपर्युक्त बिन्दू से यदि इच्छुक कृषक सहमत हो, तो नियमानुसार ऑनलाईन आवेदन हेतु आमंत्रित है|