योजना से संबंधित मुख्य बातेंः-
∎ इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के 22 जिलों में पपीता की खेती का क्षेत्र विस्तार करना, पपीता के बाग का रकवा को बढ़ाते हुए उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर कृषकों के आमदनी में वृद्धि करना है।
∎ राज्य के 22 जिलों यथा- भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, पूर्णियाँ, सहरसा, समस्तीपर, मधुबनी एवं वैशाली में इस योजना का लाभ दिया जायेगा।
∎ योजना अन्तर्गत एक किसान को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) का लाभ दिया जायेगा।
∎ इस योजना अंतर्गत पपीता के क्षेत्र विस्तार हेतु डप्क्भ् की मार्गदर्शिका के सदृश्य 75,000.00 (पचहत्तर हजार) रूपये प्रति हेक्टेयर इकाई लागत प्रस्तावित है। पपीता की खेती हेतु 2x2 मीटर पौधो से पौधो की दूरी अनुसार प्रति हेक्टेयर 2500 पौधा की आवश्यकता होगी।
उपरोक्त इकाई लागत 75,000.00 (पचहत्तर हजार) रूपये प्रति हेक्टेयर पर भारत सरकार के मार्गदर्शिका के अनुसार 40% अनुदान एवं राज्य योजना से अतिरिक्त टॉप-अप मद के रूप में 20% सहित कुल 60% अर्थात 45,000 (पैतालीस हजार) रूपये प्रति हेक्टेयर दो किस्तों में देने का प्रस्ताव है। प्रथम किस्त के रूप में कुल अनुदान राशि का 60% अर्थात 27,000.00 (सत्ताईस हजार) रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जायेगा।
∎ इच्छुक कृषकों को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र दो वर्ष से अधतन राजस्व रसीद/ऑनलाईन अधतन रसीद/ वंशावली के आधापर पर विधि मान्य भू स्वामित्व का प्रमाण पत्र में से कोई एक का होना अनिवार्य है। गैर रैयत कृषकों को
एकरारनामा
के आधार पर योजना का लाभ दिया जायेगा। एकरारनामा का प्रारूप दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद मे स्पष्ट नहीं है, जो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा।
∎ कृषक चयन में प्रत्येक वर्ष 30 प्रतिशत महिला भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
∎ नियमानुसार सहायतानुदान डीबीटी कार्यक्रम के तहत् SNA SPARSH के माध्यम से भुगतान किया जायेगा।
∎ उपर्युक्त बिन्दू पर यदि इच्छुक कृषक सहमत हो तो नियमानुसार ऑनलाईन आवेदन हेतु आमंत्रित है।