नियम एवं शर्तें
∎ विशेष उद्यानिक फसल योजना अंतर्गत चाय,मगही पान एवं प्याज को सामिल कर वर्ष 2022-23 में प्रारंभ किया गया है|
∎ चाय का क्षेत्र विस्तार किशनगंज जिला में क्रियान्वित किया जायेगा। चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए चाय के पौध रोपण सामग्री का क्रय स्वयं कृषक के द्वारा किया जायेगा। चाय की खेती करने वाले कृषकों को देय अनुदान दो किस्तों में 75ः25 के अनुसार दिया जायेगा। इस घटक हेतु लाभुक कृषक को द्वितीय किस्त का अनुदान प्रथम वर्ष की भौतिक उपलब्धि के आलोक में लगाये गये पौधे का 90 प्रतिशत पौधा जीवित रहने के उपरांत वित्तीय वर्ष 2023-24 में किया जायेगा।
∎ मगही पान का क्षेत्र विस्तार FPC के माध्यम से औरंगाबाद,गया, नवादा,शेखपुरा एवं नालन्दा जिला में कराया जायेगा। FPC के सदस्यों को 100 वर्ग मीटर से 500 वर्ग मीटर तक का लाभ दिया जाएगा| क्षेत्र विस्तार के लिए पौध रोपण सामग्री कृषक द्वारा स्वयं क्रय किया जायेगा।
∎ प्याज का क्षेत्र विस्तार औरंगाबाद,बेगुसराय,भागलपुर,दरभंगा,गया,कैमूर,कटिहार,मधुबनी,मुंगेर,मुजफ्फरपुर,नवादा,पश्चिम चंपारण,पूर्वी चंपारण,पुर्णियां,रोहतास,समस्तीपुर,सारण,सीतामढ़ी,सिवान एवं वैशाली जिला में कराया जायेगा, जिसके लिए रोपण सामग्री की उपलब्धता एन.एच.आर.डी.एफ. से सुनिश्चित किया जायेगा। प्याज का क्षेत्र विस्तार हेतु खरीफ में 10 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर एवं रबी में 12 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होगी।
∎ चयन हेतु जिला के लक्ष्य अन्तर्गत 16% अनुसूचित जाति तथा 1% अनुसूचित जनजाति की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
∎ कृषक चयन में प्रत्येक वर्ग से 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
∎ नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।