योजना से संबंधित मुख्य बातें
Operational Guidelines (PDMC-GoI)
* प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मुख्य उद्देश्य तकनीक द्वारा सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्रफल को बढ़ाना, जल उपयोग की क्षमता को बढ़ाना तथा फसलों की उत्पादकता एवं कृषकों की आय को बढ़ाना है।
* योजना अन्तर्गत दो कार्य घटक (i) सूक्ष्म सिंचाई पद्धति:- टपकन सिंचाई, मिनी/माईक्रो स्प्रिंकलर तथा पोर्टेबल स्प्रिंकलर (ii) अन्य हस्तक्षेप:- निजी नलकूप, कुँआ एवं तालाब है।
* ड्रिप सिंचाई पद्धति अन्तर्गत अनुदान की सीमा न्यूनतम 0.5 एकड़ तथा अधिकतम 12.5 एकड़ एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अन्तर्गत न्यूनतम 1 एकड़ तथा अधिकतम 5 एकड़ तक अनुदान देय होगा।
* किसान के प्रकार के अनुसार ड्रिप सिंचाई पद्धति के तहत् लघु एवं सीमांत किसान को Indicative Cost का 80% अन्य कृषकों को 70% एफ.आर.ए. पट्टाधारक कृषकों को 90% सहायतानुदान देय है, जबकि पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अन्तर्गत लघु एवं सीमांत किसान को Indicative Cost का 55% एवं अन्य कृषक को 45% सहायतानुदान देय होगा।
* अन्य अंतःक्षेप अवयव के तहत् सभी श्रेणी के कृषकों को इकाई लागत का 50% सहायतानुदान देय होगा। इस अवयव का लाभ केवल उन किसानों का देय होगा, जो ड्रिप सिंचाई पद्धति हेतु आवेदन करेंगे।
* योजना का लाभ लेने हेतु विगत दो वर्षों से अद्यतन LPC, Online/ Offline रसीद अथवा सात वर्षों से अधिक का लीज पेपर, जो 1000.00 रूपये का गैर न्यायिक स्टॉम्प पर प्रथम श्रेणी के दण्डाधिकारी के समक्ष जमीन लीज दाता एवं जमीन लेने वाले के शपथ पत्र से संबंधित कागजात के आधार पर नियमानुसार लिया जा सकता है।
* योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जायेगा।
* कम्पनी द्वारा अपलोड किये गये Estimate एवं Design पर कृषक का हस्ताक्षर अनिवार्य होगा।
* अधिष्ठापित किये जाने वाले यंत्रों के तहत् Optional Components(हाइड्रो साइक्लोन फिल्टर, फ़र्टिलाइज़र टैंक तथा वाइन्डर मशीन) को भी ध्यानपूर्वक कृषकों द्वारा चयन किया जायेगा।
* कोई भी कृषक, एक भू-खण्ड पर सात वर्षों के पश्चात् हीं, दुबारा योजना का लाभ ले सकते हैं।
* कृषक समूह का सहमती पत्र सह-एकरारनामा प्रारूप
* कार्यादेश निर्गत की तिथि से 30 दिनों के अन्दर नियमानुसार कृषक अंश की राशि MIS Portal पर Integrated भुगतान माध्यम के द्वारा Bihar Horticulture Development Society, PMKSY Farmer Share के खाता में ऑनलाईन जमा करना अनिवार्य है अन्यथा कार्यादेश स्वतः रद्द हो जाएगा।
* निर्गत कार्यादेश में वर्णित शर्तों के आलोक में कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित किया जायेगा।
* कार्य पूर्णता उपरान्त, संबंधित एजेंसी/कृषक को सहायतानुदान की राशि DBT In Cash/In Kind के रूप में भुगतान की जाएगी।